जिसने जुदाई का दर्द दिया है
मिलन रूपी दवा भी वही देगा
पावों में चलने की शक्ति दी
मंजिल तक पहुंचा भी वही देगा
जिसने रुख मोड़ा जिंदगी का
रास्ता और दिशा वही देगा
छुडाया था साथ जिसने
कभी तो मिला ही देगा
दिवार बनाई थी जिसने
एक दिन ढहा भी वही देगा
भरोसा था भरोसा रहेगा
मेरा यार है वो अब न दगा देगा |
(C) हेमंत कुमार दुबे
khoobsurat kavita.
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