> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : शायद तुमने महसूस किया

सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

शायद तुमने महसूस किया



तुम्हारी खनकती हुई हंसी में
मैंने एक दर्द महसूस किया
जो लम्हा बातों में बीता
उस वक्त को मैंने जिया

कहने सुनने की बात बहुत
अधरों ने लेकिन साथ न दिया
महसूस किया जो मैंने
शायद तुमने महसूस किया|

(c) हेमंत कुमार दुबे

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