> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : मनमीत

शनिवार, 2 फ़रवरी 2013

मनमीत




जो रोज याद आते हैं वे दिल में बसे होते है
उनको याद करते ही जीवन में फूल खिलते हैं
महकती हैं साँसें चहुँओर संगीत होता है
बहती है जीवन-धारा वे मनमीत होते हैं ......


(c) हेमंत कुमार दुबे

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