दर्द तुम्हारा मेरा भी है
क्योंकि हमारी तलाश
कागज के पन्नों की है
जिन पर भाव हृदय के
अंकित होते है |
अभी प्राण बाकी हैं
कागजों पर ना सही
इन्टरनेट पर
जिन्दा है अभी भी
रूपांतरण हो गया है
जगह बदल गई है
तभी तो
तुमने लिखी मैंने पढ़ी है|
मत कहो,
मत कहो कविता शेष हो गई
दर्द होता है सीने में|
क्योंकि हमारी तलाश
कागज के पन्नों की है
जिन पर भाव हृदय के
अंकित होते है |
अभी प्राण बाकी हैं
कागजों पर ना सही
इन्टरनेट पर
जिन्दा है अभी भी
रूपांतरण हो गया है
जगह बदल गई है
तभी तो
तुमने लिखी मैंने पढ़ी है|
मत कहो,
मत कहो कविता शेष हो गई
दर्द होता है सीने में|
(C) सर्वाधिकार सुरक्षित: हेमंत कुमार दुबे
मत कहो,
जवाब देंहटाएंमत कहो कविता शेष हो गई
दर्द होता है सीने में... शब्दों का जो अनमोल रिश्ता है जीवित उसे तो शेष ना करो... हाँ दर्द होता है सीने में