नैना के दर्शन को
रात को जब चला
छबि अनूठी
नैनों में बस गयी |
पहाड़ की चोटी को
देखा तो लगा
मानो मोतियों की
माला पहने
मुस्कुरा रही हैं
नैना देवी |
आकाश की तरफ देखा
टिमटिमाते तारे
दिवाली मनाते
नजर आये |
धरती की तरफ देखा -
सितारों जड़ी,
काली शाल ओढ़े,
मानो कोई दुल्हन
खामोश बैठी हो
सकुचाती - लजाती |
(c) हेमंत कुमार दुबे
बहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंपहाड़ की चोटी को
जवाब देंहटाएंदेखा तो लगा
मानो मोतियों की
माला पहने
मुस्कुरा रही हैं
नैना देवी |...badhiyaa