चांदनी-रथ
पर हो सवार, आई है परी-सी गुड़िया मेरी |
छोटे
हाथों, छोटे पावों को चलाती आई, ये गुड़िया मेरी ||
थोड़ी
चंचल, थोड़ी नटखट, भोली-भाली है गुड़िया मेरी |
ईश्वर
का उपहार, लाई जीवन में बहार, ये गुड़िया मेरी ||
जब
हँसती, खिलते फूल, महक जाती है बगिया मेरी |
माँ
की लाड़ली, दुलारी, बड़ी प्यारी है, ये गुड़िया मेरी ||
गोद
में आते ही किलकारती-पुकारती है गुड़िया मेरी |
वैष्णवी
नाम से पावन करती रहती है, ये गुड़िया मेरी ||
(c) हेमंत कुमार दूबे
=> वैष्णवी श्रीमति व श्री उमेश दूबे की कन्या हैं और मैं उसका फूफा हूँ | आज वह मेरे घर आई थी तो यह काव्य-गीत बना |
=> वैष्णवी श्रीमति व श्री उमेश दूबे की कन्या हैं और मैं उसका फूफा हूँ | आज वह मेरे घर आई थी तो यह काव्य-गीत बना |
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