> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : जुलाई 2014

रविवार, 13 जुलाई 2014

महाकाल


देवों के भी देव
आप महाकाल कहलाते
करो कल्याण प्रभो
हम नित शीश झुकाते

हेमंत करे प्रणाम देव
सुख शांति मिल जाये
सोमवार से रविवार सफल
हर दिन प्रसन्नता लाये

सावन में विशेष पूजन
नव-नव श्रृंगार बने
हर्षित-पुलकित हो मन
हर हर महादेव सुने

गूंजे उठे दशों दिशाएँ
चलो ऐसा जयघोष करें
बने विश्वगुरू भारत अपना
आओ ऐसा संकल्प करें।

(स) हेमंत कुमार दूबे
http://www.hemantdubey.com

निमंत्रण




तितली सी उड़ती हुई
मेरे उपवन में आना
कुछ पुष्प खिलाये हैं
तुम सौन्दर्य बढ़ा जाना

सुगन्धित हो जाएगा तन
तेरा मन चहक उठेगा
बसंत बहार आयेगी 'हेमंत'
तेरा जीवन निखर उठेगा।

(स) हेमंत कुमार दूबे