माँ से सीखी हमने हिन्दी जो अपनी पहली बोली
बात करते इसमें ही जुटती जब मित्रों की टोली
हंसी ठहाका करते हिंदी में और करते ठिठोली
अब अंग्रेजी क्यों अपनाते बोलो मेरे हमजोली
हिंदी का योगदान आजादी में क्या तुम्हें है पता
सेनानियों की भाषा हिन्दी थी क्या तुम्हें है पता
हिंदी ने जोड़ा देश को तभी भारत ये कहलाता
जानो हिन्दी में लिखने पढ़ने से सम्मान नहीं घटता।
© हेमंत कुमार दुबे