हाथ जोड़ वंदन करूँ सुनिए
गणराय,
मूसक की सवारी पर शीघ्र
आ जाएँ |
शशि को बिठा भाल तिलक
लें लगा,
हाथ में परसु और फांस
लेकर आएँ || १ ||
सिंदूर बदन में लगा मोदक
ले हाथ,
वरद हस्त भारत पर रखिये
महाराज |
देश के द्रोहियों को
देकर सद्बुद्धि,
भारत-भक्तों के सवारिये
सब काज || २ || हाथ जोड़....
गजबदन, विनायक, लम्बोदर
कहलाते,
पार्वती नंदन स्कन्द के
लघु भ्राता |
शंकर के गणनायक अतुलित
बलशाली,
हिमालय के धेवते है आप
सुरत्राता || ३ || हाथ जोड़...
दुष्ट आतंकियों को मार दीजिए
भगा,
आन-बान भारत की आप ही
के हाथ |
बिगड़ी संवारिये प्रभु भारत
का भाग्य
विनय करता ‘हेमंत’ कीजिये
सनाथ || ४ || हाथ जोड़...
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