टोपी पहने छत पर बंदर
नाच रहा तेरी रोटी लेकर
उसके संग है एक बंदरिया
सात समंदर पार कलंदर
ठुमक ठुमक कर नाच दिखाता
बंदरिया पर प्यार जताता
नाच रहा तेरी रोटी लेकर
उसके संग है एक बंदरिया
सात समंदर पार कलंदर
ठुमक ठुमक कर नाच दिखाता
बंदरिया पर प्यार जताता
एक इशारा जो वह कर दे
सिर के बल खड़ा हो जाता
अपना घर सम्हालो भाई
बन्दर-बंदरिया है उत्पाती
देख नाच मोहित न होना
ये है बड़े विश्वासघाती
गाँधीजी का नहीं ये बंदर
नहीं उनकी ये बंदरिया
करेंगे घर में तोड़ फोड
ले जायेंगे तेरी चदरिया
बूझ गए तुम तो अच्छा है
नहीं तो दिमाग अभी बच्चा है
शोर मचाओ सबको बुलाओ
नहीं तो नुक्सान अवश्य संभव है |
(C) हेमंत कुमार दूबे
सिर के बल खड़ा हो जाता
अपना घर सम्हालो भाई
बन्दर-बंदरिया है उत्पाती
देख नाच मोहित न होना
ये है बड़े विश्वासघाती
गाँधीजी का नहीं ये बंदर
नहीं उनकी ये बंदरिया
करेंगे घर में तोड़ फोड
ले जायेंगे तेरी चदरिया
बूझ गए तुम तो अच्छा है
नहीं तो दिमाग अभी बच्चा है
शोर मचाओ सबको बुलाओ
नहीं तो नुक्सान अवश्य संभव है |
(C) हेमंत कुमार दूबे
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