नारी की जो इज्जत करते नहीं,
वे नर नहीं, पशु भी नहीं,
दैत्यों के समान हैं,
जिस घर में नारी पूजित नहीं,
वह घर मसान है|
परायी स्त्री देख कर,
जिसमें आदर भाव उपजे नहीं,
जो समझे न माँ, बहन, बेटी,
वह केवल शैतान है|
शैतानों को जो शह दे,
वह भी नर नहीं,
पत्थर के समान है,
सभ्य समाज में उसका,
नहीं कोई स्थान है |
ऐसे अधमधामों का,
पत्थर दिल दुष्टों का,
न कोई धर्म है,
न कोई भगवान है|
नारी नारायणी है,
माँ, बहन, बहू, बेटी है,
इससे ही धरती है,
इससे ही संसार है,
नारी की जो रक्षा करे,
मान दे, आदर दे,
वही सच्चा इंसान है |