🌿 क्षमा - एक शक्ति 🌿
रचना: हेमंत कुमार दुबे 'अव्यक्त'
जैन-दर्शन की दीप-शिखा,
वैदिक धर्म की ज्योति,
क्षमा से ही मिलते हैं,
मोक्ष-मार्ग के मोती।
क्रोध-द्वेष की जंजीरें तोड़े,
यह जीवन की संजीवनी,
देवत्व की राह दिखाए,
क्षमा में है दिव्यता घनी।
न यह कोई दुर्बलता है,
न यह कोई हार,
बल की यह पराकाष्ठा है,
शांति का उपहार।
कर्म-बंधन से मुक्ति दिलाए,
आत्मा को करे शुद्ध,
ब्रह्म-ज्ञान की सीढ़ी बनकर,
जीवन बनाये परम बुद्ध।
मन में जो क्षमा बसाए,
'अव्यक्त' वही है सच्चा ज्ञानी,
उसके भावों में बसती है,
शांति और मीठी वाणी।
जैन-शास्त्र कहें “मुक्ति का द्वार”,
वेद कहें “ब्रह्म का सार”,
क्षमा है वह दिव्य प्रकाश,
जो करे जीवन को उजियार।
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