वक्त बदले तो बदले
✍️
हेमंत कुमार दुबे ‘अव्यक्त’
📍 गाज़ियाबाद |
🗓️
सच्चा प्यार ना बदले कभी
ना वक्त की चाल से,
ना हालात के झंझावात से
न दुख की काली रात से।
जब पहली बार देखा था,
वो पल दिल में जिंदा है
तेरी मुस्कान की मासूमियत,
हर मौसम में मेरी हिम्मत है।
न वक्त छीन पाया वो एहसास,
न दूरी ने कम की वो प्यास
तेरे नाम की जो धुन बसी है
वो मेरी हर धड़कन में है खास।
ये प्यार मेरा सच्चा है,
बदलना इसकी फितरत नहीं
ये तो वो दीपक है ‘अव्यक्त’,
आँधियों में जो बुझता नहीं।
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