गणतंत्र दिवस जब हम मनाते है,
राष्ट्रीय-गान जब गाते हैं,
रेडियो या टीवी पर देख-सुन
बहादुर बच्चों को, जांबाजों को,
हथियारों के प्रदर्शन को,
रंग-बिरंगी झांकियों को,
पारंपरिक नृत्यों को,
कुछ पल के लिए ही सही,
देश से जुड़ जाते हैं|
देशभक्ति तो सबके अंदर है,
अपनी आत्मा की तरह,
पर प्रतिदिन उसका गला घोंटने,
उसको मारने का काम,
हमलोग ही तो करते हैं|
गणतंत्र दिवस हम मनाएंगे,
अपने लिए,
अगली पीढ़ी के लिए,
क्योंकि जीने के लिए
जैसे जरूरी है साँसें,
उसी तरह जरूरी है देश-प्रेम,
थोडा सी सही,
पर निश्चित तौर पर|
क्योंकि तभी तो
देश के नौनिहाल आगे बढ़ेंगे,
थामेंगे तिरंगा,
पहनेंगे फिर गाँधी टोपी,
अन्ना, अरविन्द या किरण के संग,
मिल कर बोलेंगे –
भष्टाचार मिटाना है|
गणतंत्र दिवस मनाना है,
देश-भक्ति को जगाना है,
क्योंकि देश से ही,
वजूद है हमारा|
(c) हेमंत कुमार दुबे
क्योंकि , देश से ही , वजूद है हमारा ,
जवाब देंहटाएंइसलिए.... !!
अन्ना, अरविन्द या किरण के संग,
मिल कर बोलेंगे , भष्टाचार मिटाना है,
तब खुशियाली से , गणतंत्र दिवस हम मनाएंगे.... !!!!
धन्यवाद! जय हिंद!!
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