जिंदगी ख्वाब है,
ख्वाबों में भी जिंदगी है
दोनों ही झूठे,
केवल तुम सच्चे हो|
सच की परिभाषा
सच ही जाने,
बाकी सब तो हैं
झूठे झूठके दीवाने|
दिखता है जो
मिट जायेगा,
चाहे हकीकत
या हो सपना|
जिससे दिखता है
उसको जब जानो,
सब विस्तार तुम्हारा,
फिर भी तुम निर्लेप -- सच्चे|
(C) हेमंत कुमार दुबे
** सदगुरूदेव भगवान के प्रवचन और कृपाप्रसाद से जो जाना वही कविता के रूप में प्रस्तुत किया हूँ **
जिंदगी ख्वाब है,
जवाब देंहटाएंख्वाबों में भी जिंदगी है
दोनों ही झूठे,
केवल तुम सच्चे हो|
Bahut achhe..Dhanyawad..