कवितायें जो मैं लिखता हूँ /
मेरे जीवन की हैं कहानी /
जो देखा-सुना इस संसार में /
तस्वीरें कुछ नई, कुछ पुरानी //
आएँ पढ़ें मेरी जीवन गाथा /
जिसमें मैं और मेरा प्यार /
आत्म-शांति अनुभूति की बातें /
बेताब पाने को आपका दुलार...//
गुरुवार, 7 जून 2012
उलझन
भ्रष्ट नीतियों से हुई देश की बेहाली पर रोयें या बढ़ती मंहंगाई से अपनी तंगहाली पर रोयें हमारे ही नोटों से सत्ता काबिज करने वाले बता दे ओ मन के मोहन पहले किस पर रोयें ?
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