कवितायें जो मैं लिखता हूँ /
मेरे जीवन की हैं कहानी /
जो देखा-सुना इस संसार में /
तस्वीरें कुछ नई, कुछ पुरानी //
आएँ पढ़ें मेरी जीवन गाथा /
जिसमें मैं और मेरा प्यार /
आत्म-शांति अनुभूति की बातें /
बेताब पाने को आपका दुलार...//
रविवार, 18 सितंबर 2011
स्पर्श
लाग-इन करके फेसबुक पर, मेरी प्रोफाइल पर जब तुम आती, सुबह की गुनगुनी धूप में, वो कमल कली सी खिल जाती, फिर भंवरें गूंजते कवि-मन के, सुरमयी-मधुमय होता समां|
पसंद 'गर तुम्हे आये कुछ बस 'लाइक' कर देना एक स्पर्श ही काफी है तुम्हारा मेरा दिन बनाने को|
कमाल के एहसास हैं
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