> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : दुनिया क्या है

मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

दुनिया क्या है

उसने पूछा
मुझे बताएं
कोई उपमा देकर समझाएँ
दुनिया क्या है,
कैसी है?

उत्तर सुन, 
नेत्र विस्मित, 
मुंह खुला,
अवाक रह गया |
एक शब्द काफी था -
गिरगिट | 


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें