कवितायें जो मैं लिखता हूँ / मेरे जीवन की हैं कहानी / जो देखा-सुना इस संसार में / तस्वीरें कुछ नई, कुछ पुरानी // आएँ पढ़ें मेरी जीवन गाथा / जिसमें मैं और मेरा प्यार / आत्म-शांति अनुभूति की बातें / बेताब पाने को आपका दुलार...//
रविवार, 13 नवंबर 2016
मेरे कान्हा
कान्हा ऐसे ही मुरली बजाते रहना
जहाँ देखूं तुम ही तुम नजर आना
तुम साथ हो कान्हा तो मुझे क्या कमी है
मैं दीवानी हुई जबसे मुरली की धुन सुनी है
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें