बस लिखते रहता हूँ
मन को बहलाता रहता हूँ
कोई तो शब्द पहुंचेंगा
कभी तो जवाब मिलेगा
कोई तो रास्ता निकलेगा
कभी तो मुरझाया फूल खिलेगा
आशा की जीत होगी
दोनों तरफ शांति होगी
'अव्यक्त' बात व्यक्त होगी
प्रीत परिपक्व होगी।
© हेमंत कुमार दुबे 'अव्यक्त'
13.11.2014
मन को बहलाता रहता हूँ
कोई तो शब्द पहुंचेंगा
कभी तो जवाब मिलेगा
कोई तो रास्ता निकलेगा
कभी तो मुरझाया फूल खिलेगा
आशा की जीत होगी
दोनों तरफ शांति होगी
'अव्यक्त' बात व्यक्त होगी
प्रीत परिपक्व होगी।
© हेमंत कुमार दुबे 'अव्यक्त'
13.11.2014
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