कवितायें जो मैं लिखता हूँ /
मेरे जीवन की हैं कहानी /
जो देखा-सुना इस संसार में /
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आएँ पढ़ें मेरी जीवन गाथा /
जिसमें मैं और मेरा प्यार /
आत्म-शांति अनुभूति की बातें /
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रविवार, 20 दिसंबर 2015
मेरा धर्म
बुतों को पूजना चाहो तो भले पूजो मेरे भाई मेरा तो धर्म इंसानियत यह अव्यक्त कहता है।
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