सतगुरू बापू से जो सिखा वही संदेश लिखा है
चलता संसार एक मालिक से जिसका नाम लिखा है
जो हर क्षण रहता है सबके दिलों में प्यार बनकर
उस अगम अज अगोचर का अव्यक्त नाम लिखा है
रास्ते पर किसी भी चलो धर्म का नाम लेकर
मंजिल एक सबकी ग्रंथों में अलग नाम लिखा है
मजहबी बंदों के नाम यही एक पैगाम लिखा है
हेमंत अनाम इस जहाँ में अव्यक्त नाम लिखा है।
जो हर क्षण रहता है सबके दिलों में प्यार बनकर
उस अगम अज अगोचर का अव्यक्त नाम लिखा है
रास्ते पर किसी भी चलो धर्म का नाम लेकर
मंजिल एक सबकी ग्रंथों में अलग नाम लिखा है
मजहबी बंदों के नाम यही एक पैगाम लिखा है
हेमंत अनाम इस जहाँ में अव्यक्त नाम लिखा है।
© हेमंत कुमार दुबे 'अव्यक्त'
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