कवितायें जो मैं लिखता हूँ / मेरे जीवन की हैं कहानी / जो देखा-सुना इस संसार में / तस्वीरें कुछ नई, कुछ पुरानी // आएँ पढ़ें मेरी जीवन गाथा / जिसमें मैं और मेरा प्यार / आत्म-शांति अनुभूति की बातें / बेताब पाने को आपका दुलार...//
रविवार, 13 जुलाई 2014
निमंत्रण
तितली सी उड़ती हुई
मेरे उपवन में आना
कुछ पुष्प खिलाये हैं
तुम सौन्दर्य बढ़ा जाना
सुगन्धित हो जाएगा तन
तेरा मन चहक उठेगा
बसंत बहार आयेगी 'हेमंत'
तेरा जीवन निखर उठेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें