> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : नारी

रविवार, 8 मार्च 2015

नारी

जन्म, पालन, पोषण और सुरक्षा देती नारी
मां, बहन, पत्नी और बेटी रूप में रहती नारी
दुनिया के सारे नर सुन लो एक बात हमारी
तुम नहीं  होते इस जग में अगर न होती नारी।

(स) हेमंत कुमार दुबे

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