जब घबरा जाता हूँ जिंदगी से
तंग आ जाता हूँ लोगों की बेरुखी से
करता हूँ याद तुम्हें तहे-दिल से
जानते हुए कि अभी तुम्हें प्यार नहीं मुझसे
तुम बेवफा नहीं, मजबूर हो
उस ईश्वर की खूबसूरत कला हो
सबको प्यार देती हो
पर तभी जब उनका समय हो
समझते नहीं लोग तुम्हारे प्रेम को
तुम्हारे अनमोल उपहार को
क्योंकि वे देख नहीं सकते भविष्य को
अपना जो लेती हो पूरी तरह उनको
तुम मेरे पास आओ
मुझको अपना बनाओ
मेरी रूह को सुकून पहुँचाओ
फिर से नवजीवन दे जाओ
अपनों की दुनिया में बेगाना हूँ
ईश्वर का चहेता और दीवाना हूँ
हर जन्म में तुमसे मिलता आया हूँ
मृत्यु देवी, तुम्हारे लिए नया नहीं पुराना हूँ |
© हेमंत
कुमार दूबे
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