> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : आज आई है होली, बहन भाई

बुधवार, 27 मार्च 2013

आज आई है होली, बहन भाई




आज आई है होली, बहन भाई
राधा के संग खेलें कन्हाई

भीड़ अपार नन्द बाबा के द्वार
ब्रज में धूम मची है चहुँ ओर

गोपाल उड़ावत हैं अबीर, गुलाल
जय जय धुनि करत ग्वाल-बाल

गावत कबीरा आये भोले शंकर
दुष्टों के लिए जो है प्रलयंकर

करताल, ढोल, मृदंग, वीणा बाजे
अप्सरा नाचें, अनूठे रूप में देव साजे

चलो साथी हम श्याम को रिझाएँ
मिल-जुलकर उल्लास का पर्व मनाएँ|



- होली की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! प्रेम और भाईचारे का यह पर्व पूरे उमंग से मनायें और सभी भेदभाव भूल जाएँ | हम सभी ईश्वर में एक ही हैं यह भावना दृढ करते जाएँ |
© हेमंत कुमार दुबे

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