> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : ख़ामोशी

रविवार, 8 जनवरी 2012

ख़ामोशी









शब्दों के अपने मायने होते हैं,
बोलने के भी कायदे होते हैं,
चुप रहकर जो कहा जाता है
उसके बहुत फायदे होते हैं|

मूक प्रार्थना से वर्षा भी होती है,
बीमार, लाचारों की दवा होती है,
सुनता है खुदा खुद की तभी,
ख़ामोशी से जब सजदा होती है|


(c) हेमंत कुमार दुबे

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