> काव्य-धारा (Poetry Stream): जीवन, प्यार और आत्मा-झलक : निवारण

बुधवार, 4 दिसंबर 2013

निवारण



कोई बता दे मुझे
उनकी याद क्यों सताती है
कृष्ण नाम है उनका
फिर काली रात क्यों डराती है

जगत के आधार हैं वे
फिर क्यों निराधार समझते लोग मुझे
उनके हाथ में पतवार जिंदगी की
फिर दिशा भ्रम क्यों

मोहन रूप से मोहते जगत वे
शायद यही कारण है
उनकी कृपा बरसने से ही
सभी समस्याओं का निवारण है|


© हेमंत कुमार दूबे

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें