आज पूनम की रात,
आकाश की ओर
उठती हैं नजरें,
ढूँढती हैं चारो तरफ,
चाँद आसमान में |
शशि का प्रकाश
दिखता क्यों नहीं,
पूछता है छोटा बच्चा
देश का लघु नागरिक|
चाँद को लगा है ग्रहण
कह दूँ तो
वह नहीं समझेगा
उसी तरह जैसे
झुग्गीवाला नहीं समझेगा |
एक पैकेट नमकीन
एक बोतल शराब
और ५०० का नोट
उसके वोट की शक्ति
ग्रहित कर देते हैं |
शशि के जैसे ही
भारत को ढक लिया है
फिर कुटिल राजनेताओं ने
प्रकाश की किरण का
थोडा इंतज़ार करो |
--- हेमंत कुमार दुबे
चाँद को लगा है ग्रहण
जवाब देंहटाएंकह दूँ तो
वह नहीं समझेगा
उसी तरह जैसे
झुग्गीवाला नहीं समझेगा |...bahut hi achhi abhivyakti