अपना दर्द किसे बताये हेमंत
जो भी सुनता है हंस देता है
जख्म किसी को दिखाए कैसे
वो तो नमक छिड़क देता है।
जो भी सुनता है हंस देता है
जख्म किसी को दिखाए कैसे
वो तो नमक छिड़क देता है।
जिससे उम्मीद थी कुछ करेगा
बिना पलटे ही वो चल देता है
नेह लगा ले खुदा से प्यारे हेमंत
वही है जो सबको संबल देता है।
बिना पलटे ही वो चल देता है
नेह लगा ले खुदा से प्यारे हेमंत
वही है जो सबको संबल देता है।
© हेमंत कुमार दुबे
www.hemantdubey.com
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बहुत ही बढ़िया !
जवाब देंहटाएंसमय निकालकर मेरे ब्लॉग http://puraneebastee.blogspot.in/p/kavita-hindi-poem.html पर भी आना